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लेखनी प्रतियोगिता -06-Jun-2022 पथ का पत्थर

पथ में पत्थर बहुत मिलेंगे 
विघ्न रास्ता हर पल रोकेंगे 
पत्थरों से बचकर चलना है 
इन्हीं पत्थरों से पुल बनाना है 

यहां सब रोड़े अटकाने बैठे हैं 
पराया माल सटकाने बैठे हैं 
कोई किसी का मददगार नहीं 
स्वार्थ का द्वार खटखटाने बैठे हैं 

खुद को पथ का पत्थर ना बना 
हर कोई दे ठोकर ऐसा ना बना 
जो ठोकर मारे उसे लहुलुहान कर
खुद को निर्बल, निरीह ना बना 

खुद को किस्मत के हवाले मत कर 
उठ, खड़ा हो, कुछ परिश्रम कर 
पथ के पत्थरों से इमारत बना ले 
आगे बढ़, एक नई शुरूआत कर 

हरिशंकर गोयल "हरि" 
6.6.22 


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12 Comments

Kaushalya Rani

08-Jun-2022 05:42 PM

Nice

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Reyaan

07-Jun-2022 08:26 PM

शानदार

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Abhinav ji

07-Jun-2022 07:31 AM

Nice👍

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